गुरु अनंत
गुरु अनंत
गुरु अनंत गुरु कृपा अनंता
गुरु की महिमा अपार....
गुरु ही विद्या के खैवया
गुरु ही है पतवार....
गुरु में बसते हैं दाता
गुरु ही राम और श्याम
गुरु नाम है मेहर का
गुरु से चारों धाम...
गुरु की महिमा क्या मैं गाउं
गुरु होते आप महान....
गुर चरण में शीश झुकाकर
करु बारंबार प्रणाम......