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Kanchan Prabha

Abstract Classics Inspirational

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Kanchan Prabha

Abstract Classics Inspirational

आस की रौशनी कंचन प्रभा

आस की रौशनी कंचन प्रभा

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फूलों की खुशबू 

नभ प्रभात की आस

भवरों की गूँजन

संसार का मोह पाश

है तिमिर लौ उस खण्डहर में उभरी


धरती की लाली 

अम्बर की रंगत

जुगनु की जगमग

तारती हर संकट

है तिमिर लौ उस खण्डहर में उभरी 


अवरोधक प्रलय में 

दृढ़ हृदय मंथन 

कौतूहल निश्छ्ल 

छू कर नभ गगन

है तिमिर लौ उस खण्डहर में उभरी 


है प्रयास जो

निर्भय उस जन का 

करता नित सृजन 

अपने ही मन का 

है तिमिर लौ उस खण्डहर में उभरी। 


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