वो बिखरी ज़ुल्फों में लिपटी सुबह की अंगड़ाई तेरी.... वो बिखरी ज़ुल्फों में लिपटी सुबह की अंगड़ाई तेरी....
तब वही प्रेमपत्र मैं तुम्हें दूँगा और इजहार-ए-मोहब्बत तुमसे करूँगा। तब वही प्रेमपत्र मैं तुम्हें दूँगा और इजहार-ए-मोहब्बत तुमसे करूँगा।
वो बिखरी ज़ुल्फों में लिपटी सुबह की अंगड़ाई तेरी ! वो बिखरी ज़ुल्फों में लिपटी सुबह की अंगड़ाई तेरी !
इस गुजरते एक साल में, तुझसे इक दफा गुफ्तगू की आस। इस गुजरते एक साल में, तुझसे इक दफा गुफ्तगू की आस।
आए चार दिन सबके जीवन में रहना सीखो अपनी हद में। आए चार दिन सबके जीवन में रहना सीखो अपनी हद में।
देखो ना मुझे खबर भी ना हुई, और सब कुछ मेरा चुरा ले गयी हो तुम ! देखो ना मुझे खबर भी ना हुई, और सब कुछ मेरा चुरा ले गयी हो तुम !