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Kumar Kishan

Romance

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Kumar Kishan

Romance

प्रेमपत्र

प्रेमपत्र

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वह प्रेमपत्र मेरी प्रिया

जो तुम्हारी यादों में

खोकर और तुम्हारे लिए

लिखा था आज भी मेरी डायरी

में उसी तरह से रखी हुई है

कब आओगी?वह प्रेमपत्र

तुम्हारी इंतजार कर रहा है।


दिल की बात एक कसक

की भांति मेरे अंदर है जो मैं

तुमसे कह ना सका

वही बात मैंने प्रेमपत्र में लिखा

मगर तुम्हे कभी दे ना सका

आज भी मैं तुमसे उतना ही प्यार

करता हूँ जितना उस समय करता था।


तुम्हारी यादों में कभी-कभी

तुम्हारी तस्वीरों से बातें करता हूँ

काश ! वह प्रेमपत्र तुम पढ़ पाती

मेरा हाल-ए-दिल समझ पाती

तो आज मैं यूँ तन्हा-सा ना होता।


तुम्हारी जुल्फों की घनी छाव में

इन बहारों में सोया रहता

कभी तो तुम आओगी फिर से लौटकर

इन फिजाओं में, इन हसीं खुश्बू

बिखेरती कलियों के बीच

तब वही प्रेमपत्र मैं तुम्हें दूँगा

और इजहार-ए-मोहब्बत

तुमसे करूँगा।


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