STORYMIRROR

Kumar Kishan

Inspirational

4  

Kumar Kishan

Inspirational

मेरे अल्फाज

मेरे अल्फाज

1 min
318


कभी तो मिलेगी

मुझे मेंरी मंजिल....

यह दिल का मुुसाफिर 

चला जा रहा है।


यूँ ही नहीं मिलती

मंजिल किसी को

बहुत कुछ खोना पड़ता हैं।


एक बसंत को पाने के लिए

पतझड़ को भी सहना पड़ता है।

3चलना है,चलना है

चलते ही जाना है।


ना झुकना है, ना रुकना  है

बस, मंजिल  को पाना है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational