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Keshav Upadhyay

Romance

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Keshav Upadhyay

Romance

तेरा वो चांद सा चेहरा

तेरा वो चांद सा चेहरा

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तेरा वो चांद सा चेहरा,

और उस चेहरे पर,

मेरी नज़रों का पहरा।


तेरी वो समंदर सी आंखें,

और उन आंखो की पुतलियां,

चुपके से मुझको झांके।


तेरा वो लाल दुपट्टा,

और उस दुपट्टे पर,

बीबीएस की धूल का पट्टा।


तेरा वो पढ़ने का अंदाज़,

और उस अंदाज़ में,

मेरा नज़र अंदाज़।


तेरा वो युनाइटेड का यूनिफॉर्म,

और उस यूनिफॉर्म में,

तेरी सादगी वाला फॉर्म।


तेरा यूं सामने से गुजरना,

और उस गुजरने में,

तेरा मुझको घूरना।


तेरी आंखों का डर,

और उस डर में,

मेरी मोहब्बत का घर।


तेरी चहकती आवाज,

और उस आवाज में,

एक खट्टा मिठास।


तेरे हाथों का वो किताब,

और उस किताब में,

मेरी तीन साल की नाकाम

कोशिशों का हिसाब।


तेरे पास से आती वो खुशबू

और उस खुशबू में,

तुझे किसी और के साथ

देख मेरे जलने की बू।


तेरे ये गुजरते बीटेक के तीन साल,

और इन तीन सालों में,

मेरे हजारों बुनते टूटते ख़्वाब।


तेरा ये बाकी का एक साल,

और इस गुजरते एक साल में,

तुझसे इक दफा गुफ्तगू की आस।


'नंदिता', तेरा ये ख़ुशी का पर्याय नाम,

जैसे एक नज़्म,

और इस नाम में,

रमता शायर 'केशव' बन गया इक बज़्म।


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