दिल की दलदली ज़मीन के भीतर पड़े एहसासों को मिलता है अनुभूतियों का आवेग दिल की दलदली ज़मीन के भीतर पड़े एहसासों को मिलता है अनुभूतियों का आवेग
जो कल से नहीं सीख पाए आज तक, तो क्या उनके लिए बड़बड़ाना ज़रूरी है। जो कल से नहीं सीख पाए आज तक, तो क्या उनके लिए बड़बड़ाना ज़रूरी है।
अपने विश्वास की लौ इस मिट्टी पर जलाए रखना तब तक। अपने विश्वास की लौ इस मिट्टी पर जलाए रखना तब तक।
एक लौ अगर बुझ रही है तो जलानी क्यों है उजाला है चारों और तो लौ दिखानी क्यों है। एक लौ अगर बुझ रही है तो जलानी क्यों है उजाला है चारों और तो लौ दिखानी क्यों ह...
बुझ रही है लौ इस जीवन के ऊजाले में, सिमट रहा है इंसान अंतिम सांसों के निवाले में। बुझ रही है लौ इस जीवन के ऊजाले में, सिमट रहा है इंसान अंतिम सांसों के निवाले ...
जीवन की बगिया सूखने ना पाए... उसमें सजी सुंदर कलियां फूल कोई मुरझाने ना पाए. जीवन की बगिया सूखने ना पाए... उसमें सजी सुंदर कलियां फूल कोई मुरझाने ना पाए.