जीवन की बगिया
जीवन की बगिया
जीवन की बगिया सूखने ना पाए...
उसमें सजी सुंदर कलियां फूल कोई मुरझाने ना पाए..
हो जाए यदि कोई भूले से ख़ता...
उस पानी देने वाले माली से....
ऐ कुदरत माफ कर देना उसे....
बहार -ए-चमन उजड़ने ना पाए...
बार-बार भूल होती है इंसान से ही...
होना मेहरबा इस तरह तू.. ऐ मेरे मालिक...
जीवन रूपी बगीचे की लौ बुझने ना पाए.।