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Sri Sri Mishra

Inspirational

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Sri Sri Mishra

Inspirational

जज्बात

जज्बात

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सतरंगी आसमान में रंग बिखरे हैं कितने...

नई आभा, नए उद्देश्य, होते हैं जितने..

बहुतेरे रंग मिल चलते रहते वक्त के संग..

संयोग होता मिलन कभी...कभी अनहोनी के अद्भुत रंग..

वियोग का अथाह मर्म कभी सुना दे..

कभी सराबोर हो प्रेम में रिमझिम फुहार बरसा दे..

सूरज की किरणों से छन कर आती हैं जो धरा पर..

मानव मन के कोरे हृदय पटल पर...

बन रजनीगंधा कुसुमित हो वह पुष्प रातरानी सी..

जीवन को उसके अनवरत इत्र सा महका दे..

सदियों से यह धूप छाँव का नाता...

होकर परे साकार अंतहीन युगों से..

हर अंतराल पर मिलने क्षितिज पर आता..



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