माँ की याद
माँ की याद
ऐ घनी रात मुझे बता
मेरी माँ की क्या थी खाता
ऐ घनी रात मुझे ना सता
मेरी माँ का संदेशा तो बता।
एक-एक पल नहीं मानो एक साल है
यहाँ तो हर जगह मकड़ियों का जाल है।
मेरी चिंता में वह रात भर सोई न होगी
ऐसी कोई रात ना होगी जब वह रोई न होगी।
आवाज देकर अब वह किसे जगाती होगी!
अब वह जिद कर किसे दूध पिलाती होगी!
आंखों के तारे के बिना वह कैसे रहा करती होगी
आंखों के तारे के लिए वह रब से दुआ करती होगी!
