सतत् विकास की कहानी
सतत् विकास की कहानी
एक सपना, हो सतत् विकास।
संपूर्ण देश का है जो प्रकाश।।
गरीबी का अंत हो,
हो समाप्त भुखमरी।
उद्योग व्यापार खूब बढ़े,
हो अनेक आर्थिक उन्नति।।
शुद्ध जल और स्वच्छता,
मिले सबको ऊर्जा किफायती।
उपभोग और उत्पादन बढ़े,
शहर और समुदाय, सभी रहे संधारणीय।।
लैंगिक असमानता मिटे,
मिले सबको उच्चतम शिक्षा।
हरा भरा रहे संसार हमारा,
जलीय जीवन की हो सुरक्षा।।
सबको मिले समान सम्मान,
स्वस्थ जीवन व आरोग्य मिले।
शांति, न्याय का एक सुदृढ़ संस्थान,
बने हमारा देश, आओ सब यह प्रण करें।।
