कुछ बातें ज़िन्दगी से...
कुछ बातें ज़िन्दगी से...
इन आखिरी चंद लम्हों में,
बस यही तुझसे है कहना,
हम भी देखते है कब तक,
जिंदगी लेगी तू इम्तिहान।
काँटों का सफर बनाया तूने,
अंगार बिछाए राहों पर,
हम भी निकल पड़े उस राह,
ख्वाबों को सजाए निगाहों पर।
बरसाए कहर जो फिर तूने,
भेजा तूफानों को टकराने,
हम भी चट्टान बन कर खड़े,
हर एक लहर तब लगी चटखने।
इतने पर भी जो दिल न भरा,
ले गई हमसे हमारा आसमां,
हम भी देखते है कब तक,
जिंदगी लेगी तू इम्तिहान।
जो लिया वो सब लौटना होगा,
ये साल भी अब पुराना होगा,
लौ भी जल कर जब बुझती है,
तू खुद को क्या समझती है,
मज़ाल नहीं मशालों की,
जो कर सके हमारा सामना,
हम भी देखते है कब तक,
ज़िन्दगी लेगी तू इम्तिहान।
खत्म हुई ये कसौटी मेरी,
परिणाम तुझे अब देना होगा,
इरादे-दिल ये है हमारा,
अब न दूँगी मैं इम्तिहान।
जीना मुझे मेरी शर्तों पर,
प्यार से बाँहों में भरना होगा,
हम भी देखते है कब तक,
ज़िन्दगी लेगी तू इम्तिहान।