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Reena Kakran

Abstract

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Reena Kakran

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सरसों

सरसों

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प्रकृति मतवाली होकर मुस्काती,

पीली सरसों जब लहलहाती।

रबी की तिलहनी फसल ये होती,

ब्रेसिका कम्प्रेस्टिस भी कहलाती।।


काले व पीले दो रंग की होती,

दोमट मिट्टी इसको है भाती।

दिसम्बर में ये यह बोयी जाती,

मार्च-अप्रैल में काटी जाती।।


सीमित जल से यह सींची जाती,

फसल में कम लागत है लगती।

साल में दो बार उगायी जा सकती।

पायनियर, श्रीराम हैं इसकी प्रजाति।।


बीजों से गुणकारी तेल है देती,

त्वचा को रोग मुक्त है बनाती।

खाने में सेहत व स्वाद भर देती,

आयुर्वेद में खूब काम है आती।।


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