सन्तोष
सन्तोष
मन की आँखों में एक सन्तोष है,
हाँ मुझे सही गलत का होश है।
साफ शब्दों में सच्चाई कहती हूँ,
झूट के खिलाफ डटकर रहती हूँ।
चाहे जमाना दे कितनी ही मुश्किलें,
मन में मेरे न कोई आक्रोश है।।
मन की आँखों.....
जिन्दगी भर कुछ न कुछ कमी होती है,
हर कोई हसरत कहाँ पूरी होती है।
दर्द भरे होते हैं सीने में,
मन की आँखें भी बहुत रोती हैं।
पर चेहरा खुशी से मदहोश है,
मन की आँखों में.....
हर जगह चेहरे पर चेहरे हैं,
गमों के जिन्दगी में बहुत पहरे हैं।
खुशी बटोरती चली जाती हूँ,
छोटे से पल में भी जीवन जी जाती हूँ।
गमों में भी खुशियों का आगोश है,
मन की आँखों में......
जिन्दगी की अजब कहानी है,
अभी भी मन ने हार न मानी है।
दिमाग थकता है पर दिल हिम्मत देता है,
और फिर आत्मा से कहता है,
तू तो नेक नीयत की सरफरोश है।
मन की आँखों में एक सन्तोष है।।
