आपके बिना
आपके बिना
आज आपके बिना पहली दिवाली मनाई
त्यौहार तो और भी मनाए
दिवाली पर सबसे ज्यादा आपकी खली कमी ।
वो सुबह आपको बधाई देना
आपसे आशीर्वाद लेना
पूरे दिन सजावट करते वक्त आपसे बातें करना ।
जैसे जैसे सांझ पास आने लगी
आपकी कमी बढ़ने लगी
और आंखों में नमी बढ़ने लगी।
पूजन पर आपकी छवि पापा में दिखना
वही आपकी तरह ही पापा का बैठना
और हमारा सबका मजाक करना।
आपका कहना चुप रहो कुछ देर
ठीक उसी ढंग पापा का कह देना
और मजाक करते हुए आंखें नम रहना कुछ देर।
ए दादा जी, आपकी याद हम सबको आना
सबका अपने आसुओं को छिपाना
और आपके बिन ये पहली दिवाली मना लेना।
