विश्व विधाता
विश्व विधाता
अ से अर्धनारीश्वर, अद्भुत अविनाशी।
ओ से ओंकारेश्वर, ॐकार के वासी॥
ऋ से ऋषिश्वर, ऋद्धि-सिद्धि के दाता।
क से करुणाकर कपिलेश्वर, कामना के त्राता॥
ग से गोमतेश्वर, गंगा से गंगेश्वर।
घ से घुश्मेश्वर, घर-घर में परमेश्वर॥
त से तपेश्वर, तप का तेज अपारा।
न से नाथों के नाथ, नमामि तुम्हारा॥
प से पीपलेश्वर, पंक में भी प्रकाश।
भ से भूतेश्वर, भूतों के भू-आकाश॥
व से विश्वेश्वर, विश्व का विस्तार।
श से शंकर शंकराय, शिव-शक्ति-संहार॥
ॐ नमः शिवाय।
ॐ नमः शिवाय॥
