हिंदी की खूबसूरती
हिंदी की खूबसूरती
संज्ञा, सर्वनाम की ये टोली,
बनाए हर वाक्य की बोली।
विशेषण उसका गुण बताए,
क्रिया सबको काम सिखाए।
अनुस्वार और अनुनासिक,
बिंदी और चाँद की है थाप,
ध्वनि की सुंदरता बढ़ाए,
मिटाए हर मन का संताप।
अलंकार जब सज-धज आए,
उपमा, रूपक मन मोह जाए।
रस से कविता में प्राण आए,
श्रृंगार, करुण रस बहलाए।
समास और संधि की कला,
शब्दों को जोड़कर करे नया,
वाक्य की सुंदर रचना,
व्याकरण की ये ही है साधना।
क्रिया-विशेषण जब जोड़े,
काम की बारीकी को दर्शाए,
विराम-चिह्न जब रुक जाए,
भावों को सही ढंग से समझाए।
छंद और अलंकार की माला,
पिरोती हर कवि की कला,
हिंदी व्याकरण का है ये जादू,
जो हर शब्द में भर दे मधु।
इस भाषा की ये ही है शान,
व्याकरण इसकी है जान,
हर अक्षर में है एक कहानी,
हिंदी की यही है निशानी।
