नव भारत की आशा है जो, जाने कहाँ वो हिंदी अब सो रही है... नव भारत की आशा है जो, जाने कहाँ वो हिंदी अब सो रही है...
एकांत में भी हिन्दी को अपने पास ही पाया... एकांत में भी हिन्दी को अपने पास ही पाया...
सहज है सरल है मृदुल भाष हिन्दी। सही साज संस्कृति, बनाकर चले हैं।। सहज है सरल है मृदुल भाष हिन्दी। सही साज संस्कृति, बनाकर चले हैं।।
नैनो की भाषा समझो ना ,इन नैनो ने तुमको चाहा है , हर रात तुम्हारे आने का ,इन में गहरा एक साया है। नैनो की भाषा समझो ना ,इन नैनो ने तुमको चाहा है , हर रात तुम्हारे आने का ,इन में...
हिंदी से नही रिश्तों की मिठास से हम दूर हुए है। हिंदी से नही रिश्तों की मिठास से हम दूर हुए है।
हिंदी दिन मनाना है राष्ट्रभाषा को बढ़ाना है...! हिंदी दिन मनाना है राष्ट्रभाषा को बढ़ाना है...!