झूठी आस
झूठी आस


दिल में दर्द की
कमी न थी
आपने दिया गम
वो एक और सही
हमने तो जीना
सीख ही लिया था
जगाई एक नई
आस आपने कोई
अब भी जी ही लेंगे
जिंदगी पुरानी वही
अकेले कहाँ हम
इन्हीं गमों का साथ सही।
दिल में दर्द की
कमी न थी
आपने दिया गम
वो एक और सही
हमने तो जीना
सीख ही लिया था
जगाई एक नई
आस आपने कोई
अब भी जी ही लेंगे
जिंदगी पुरानी वही
अकेले कहाँ हम
इन्हीं गमों का साथ सही।