गरीबी
गरीबी


अमीरों के होटल में
गरीबों के चित्र,
कोने कोने में,
दिवार पर लगाए,
देखे मैंने ।
पता नही
कौन किसे,
क्या कहना,
चाहता है।
मुझे बनाने में,
तेरा हाथ,
या !
तुझे बनाने मेरा हाथ !!
प्रश्न अनुत्तरित हैं ।
लेकिन चित्र के चेहरे,
लुभावने हैं ।
दिखती हैं,
कवेलु की टुटी झोपडी,
कुछ सडे हुए बांस,
उखडे हुए कवेलु संग।
होटल के रिसेप्शन पर।
स्वागत करता गरीब ,
एक अमीर का
तहोदिल से
बस यह,
एक मज़ाक
वास्तविक न हाे..