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Pradeep Sahare

Tragedy

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Pradeep Sahare

Tragedy

गरीबी

गरीबी

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अमीरों के होटल में

गरीबों के चित्र,

कोने कोने में,

दिवार पर लगाए,

देखे मैंने ।

पता नही

कौन किसे,

क्या कहना,

चाहता है।

मुझे बनाने में,

तेरा हाथ,

या !

तुझे बनाने मेरा हाथ !!

प्रश्न अनुत्तरित हैं ।

लेकिन चित्र के चेहरे,

लुभावने हैं ।

दिखती हैं,

कवेलु की टुटी झोपडी,

कुछ सडे हुए बांस,

उखडे हुए कवेलु संग।

होटल के रिसेप्शन पर।

स्वागत करता गरीब ,

एक अमीर का

तहोदिल से

बस यह,

एक मज़ाक

वास्तविक न हाे..



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