STORYMIRROR

Rakhee Bihani

Tragedy

3  

Rakhee Bihani

Tragedy

मेघना

मेघना

1 min
155


मेघना श्यामल वर्ण वाली

बरखा की कोई सहेली


 

शांत शीतल या शर्मीली 

जैसे दुल्हन कोई नवेली


मितभाषी याँ अन्तर्मुखी

जैसे अनसुलझी कोई पहेली


सहमी सहमी गुमसुम सी तान

सुख दुःख की राही अकेली


अब केवल रह गई यादों मेंI

जैसे कोई सुनी पुरानी हवेली


चाहकर भी कुछ न कर पाया 

विधाता कि बड़ी क्रूर यह खेली



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy