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Rakhee Bihani

Tragedy

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Rakhee Bihani

Tragedy

मेघना

मेघना

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मेघना श्यामल वर्ण वाली

बरखा की कोई सहेली


 

शांत शीतल या शर्मीली 

जैसे दुल्हन कोई नवेली


मितभाषी याँ अन्तर्मुखी

जैसे अनसुलझी कोई पहेली


सहमी सहमी गुमसुम सी तान

सुख दुःख की राही अकेली


अब केवल रह गई यादों मेंI

जैसे कोई सुनी पुरानी हवेली


चाहकर भी कुछ न कर पाया 

विधाता कि बड़ी क्रूर यह खेली



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