कविता के गांव में
कविता के गांव में
कविता के गांव में
समाया जग सारा,
ना मानो तो उदास
मानो तो बडा प्यारा॥१॥
देखने को नजर हो
अंदाज हटके जरा,
पल में समाता दृष्टि
कविता नाम हिरा॥२॥
मन को मिले शांति
औ' उमंगों के पंख,
सागर के लहरोंपर
खेले पांचजन्य संख॥३॥
सरस बड़ा मनभावन
अलग है राखीश्री नाव,
जब भी करना हो सैर
नया लगे कविता के गांव॥४॥
