इंतजार
इंतजार


इंतजार
की घड़ी
क्या यूं ही
चलती रहेगी
क्या कभी
रुकेगी भी
थकान सी
हो गई है
यू हीं अपलक
देखते देखते
पथरा सी गई है
आंखे
तुम्हारी राह
देखते देखते
इंतजार
की सुई
अब
चुभ सी
रही है
एक टीस
उठती है
बहुत ही
दर्द देता है
असहनीय
हो जाता है।
इंतजार
की घड़ी
क्या यूं ही
चलती रहेगी
क्या कभी
रुकेगी भी
थकान सी
हो गई है
यू हीं अपलक
देखते देखते
पथरा सी गई है
आंखे
तुम्हारी राह
देखते देखते
इंतजार
की सुई
अब
चुभ सी
रही है
एक टीस
उठती है
बहुत ही
दर्द देता है
असहनीय
हो जाता है।