बाजार
बाजार


बाजारों का ये हाल है
कि सब कुछ यहां बिकता है
जेब में पैसे थोड़े हैं
पर यहां सब कुछ महंगा मिलता है
बच्चों के लिए खिलौने लेने हैं
त्यौहारों पर उन्हें नए कपड़े भी दिलाने
यही सोच एक गरीब बाप घबराता है
पूरे साल पैसे बचा कर
बहुत फरमाइशें दिल में लेकर
हर आदमी बाजार जाता है
बहुत सोच समझकर कर
जो सामान पसंद आए
वो भी कहां बजट में मिल पाता है
ज्यादा पैसों में थोड़ा सा सामान
अपने थैले में रख वापस आता है
चलो इसी से ही काम चला लेंगे
यह कहकर बच्चों के संग वो मुस्कुराता है।