STORYMIRROR

Ekta Sharma

Romance

4  

Ekta Sharma

Romance

मै तुम्हें ढूंढती

मै तुम्हें ढूंढती

1 min
237

मैं हर जगह तुम्हें ढूंढती

सोचती तुम ऐसे दिखते होंगे 

जाने कैसे दिखते होंगे 

जब तुम मिलोगे 

तुमसे बहुत बात करूंगी 

जो बात नहीं कह नहीं पाई 

उस बात की खुद से शिकायत करुंगी

जब भी फोन हाथ में लेती 

बार-बार तुम्हारा नाम लिखकर 

तुम्हें खोजती रहती 

सोचती पता नही तुमने

अपनी तस्वीर भी लगाई या नहीं

मैं तुम्हें पहचान पाऊंगी या नहीं 

जाने कितनी बार

तुम्हारा नाम मैंने खोजा होगा

आखिर एक दिन 

तुम मुझे मिले 

लेकिन जैसे वक्त बदला

तुम तो उस वक्त से भी ज्यादा बदल गए

या जितना मैंने तुम्हारे बारे में सोचा

उतना तुमने मुझे सोचा ही नहीं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance