स्पेशल दिवाली
स्पेशल दिवाली
शादी के पच्चीस साल बाद घर में किलकारी गूंजी
फिर भी दादी के मुंह पर छाई थी मायूसी
इतने सालों बाद खुशी आई
पर एक बेटी बेटे सी खुशी न दे पाई।
पर बेटी की मां बहुत खुश थी क्योंकि
इतने सालों बाद धनतेरस वाले दिन घर में
लक्ष्मी जो पधारी थीं।
मां पापा के लिए वो एक अनमोल घड़ी थी
इसलिये उस बार घर में दीवाली स्पेशल मनाई थी।
उस नन्ही के मासूम चेहरे को देख
दादा दादी के चेहरे पर भी मुस्कान आ गई।
खुशी खुशी वो उसे घर का उजयारा बता गईं।
तब से उस घर में हर दीवाली स्पेशल थी,
क्योंकि बिटिया ने पढ़ लिख कर
चारों ओर अपने परिवार की ख्याति फैलाई थी।
