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VIVEK ROUSHAN

Abstract

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VIVEK ROUSHAN

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दिल का कहा लिखते हैं

दिल का कहा लिखते हैं

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लिखने से दिल का दर्द कम होता है हम इसलिए लिखते हैं

ये मत समझ बैठियेगा की हम शोहरत के लिए लिखते हैं


उन्हें होगी शोहरत की तलब जिन्हें अमीरी के ख़्वाब आते हों

हम तो गरीब लोग हैं हम आने वाले कल के लिए लिखते हैं


इतनी बड़ी दुनिया में कोई नहीं मिलता किसी को सुनने वाला

लिखकर पढ़कर उसे खुद सुन सकें हम इसलिए लिखते हैं


अच्छा-बुरा टेढ़ा-मेढ़ा जैसा भी हो दिल का कहा लिखते हैं

कहीं कोई होगा जो पढ़ेगा समझेगा हम उनके लिए लिखते हैं


इक न इक दिन तो सब को ये जादुई दुनिया छोड़ कर जानी है

कुछ हम भी दुनिया के लिए छोड़ कर जाएँ इसलिए लिखते हैं 


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