एक झोंके की तरह बस छू के चली जाती है। एक झोंके की तरह बस छू के चली जाती है।
कुछ तो षड्यंत्र रची होगी उस हमसफ़र ने वरना कश्ती में सवार हम तिश्नगी से मर जाते ? कुछ तो षड्यंत्र रची होगी उस हमसफ़र ने वरना कश्ती में सवार हम तिश्नगी से मर जा...
असलियत की आँखों से देखो मेरे दोस्त, हमने अंबर छू लिया, और तुम पाताल में ही ढह गए। असलियत की आँखों से देखो मेरे दोस्त, हमने अंबर छू लिया, और तुम पाताल में ही ढ...
जिस्मों की तलब जब मिट जाए तब, एहसासों का रह जाना मोहब्बत है। जिस्मों की तलब जब मिट जाए तब, एहसासों का रह जाना मोहब्बत है।
शायद ऐसे ही है जिंदगी की पहेली को बुझना। शायद ऐसे ही है जिंदगी की पहेली को बुझना।
इश्क के बाजार में खुद को बेचकर हमको अपना प्रेमी समझती है ! इश्क के बाजार में खुद को बेचकर हमको अपना प्रेमी समझती है !