उस से क्यों करते लेनदारी जैसे जैसे होती। उस से क्यों करते लेनदारी जैसे जैसे होती।
ना रुकना है ना थकना है बस निरंतर चलते ही जाना है ना रुकना है ना थकना है बस निरंतर चलते ही जाना है
इज्जत विश्वास का ना हो खून माता बहनों पर हमें अभिमान हो। इज्जत विश्वास का ना हो खून माता बहनों पर हमें अभिमान हो।
सौ-जन्मों तक फिर ना छेड़ पाए कोई बेटी। सौ-जन्मों तक फिर ना छेड़ पाए कोई बेटी।
जब मन में होगा मलाल पल दर पल के काश ऐसा हुआ न होता वक्त है आज भी, बचो लो अपनी धरा जब मन में होगा मलाल पल दर पल के काश ऐसा हुआ न होता वक्त है आज भी, बचो लो ...
मातृभाषा हिन्दी हिन्द देशवासी हम सभी से अपनी व्यथा का वर्णन कैसे करते है प्रस्तुत है मातृभाषा हिन्दी हिन्द देशवासी हम सभी से अपनी व्यथा का वर्णन कैसे करते है प्रस्तु...