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Anu Gangwal

Inspirational

3  

Anu Gangwal

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नदी की आत्मकथा

नदी की आत्मकथा

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मैं नदी हूँ

चलना मेरा काम

बाधा आए या आंधी तूफान

बस चलना मेरा काम 

ना रुकना है ना थकना है

बस निरंतर चलते ही जाना है


मुझे भी अच्छा लगता है

साफ सुथरा स्वच्छ रहना

मत करो मुझे यूँ गद मैला

निश्चय करो आज

कूड़ा कूड़ेदान में ही डालोगे अब

मुझे भी रहना है 

सूंदर स्वच्छ और साफ

ये प्रण लो सब आज

नदी को स्वच्छ रखोगे

मिलकर साथ।



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