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Anu Gangwal

Others

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Anu Gangwal

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मेरा भाई मेरी शान​​​

मेरा भाई मेरी शान​​​

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आज इक और बरस बीत गया 

रक्षा बंधन फिर से निकट आ गया

लिखना है वो हमारी मस्ती

लिखना है वो प्यारी सी हँसी

लिखना है बचपन से बड़ा होने तक का सफर

लिखना है वो दीवानगी

लिखना है वो बारिश का पानी

क्या लिखूं क्या ना लिखू असमंजस में हूँ 


पर लिखना है आपकी ऊंची उड़ान

गिर कर संभलना

बेफिक्र घूमना

थोड़ा सा शर्माना

इस जहां में मस्ताना

अपनी धुन में मस्त रहना

वो बचपना वो नादानी

जिसमे है कई किस्से कहानी

छोड़ आया वो गालिया

बचपना छोड़ आज वो 

थोड़ा बड़ा हो गया है 

दुआ है मिले तुझे ख़ुशियाँ अपार

छू ले तू नया आकाश

कामयाबी चूमे तेरे कदम

खुशहाल रहे तू हर दम



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