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Anu Gangwal

Romance

4.2  

Anu Gangwal

Romance

वो लडक़ी

वो लडक़ी

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442


खुशबू सी आयी तेज पवन सी

लड़की है वो एक ग़ज़ल सी

सोचा कुछ लिखूँ आज उसके लिए


जिसने दिए जीवन के कई मायने

लिखना है वो कॉलेज की मस्ती

लिखना है वो प्यारी सी हँसी

लिखना है वो दीवानगी


लिखना है वो बारिश का पानी

क्या लिखूं क्या ना लिखू असमंजस में हूँ 

पर लिखना है उसकी ऊंची उड़ान

गिर कर संभालना


बेफिक्र घूमना

लड़कों को देख कर शर्माना

दोस्तों से कुछ ना छुपाना

वो बचपना वो नादानी


जिसमें है कई कहानी

छोड़ आयी वो गालिया वो बचपना 

दुआ है मिले तुझे खुशियाँ अपार

छू ले तू नया आकाश

कामयाबी चूमे तेरे कदम

खुशहाल रहे तू हर दम।


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