वो लडक़ी
वो लडक़ी
खुशबू सी आयी तेज पवन सी
लड़की है वो एक ग़ज़ल सी
सोचा कुछ लिखूँ आज उसके लिए
जिसने दिए जीवन के कई मायने
लिखना है वो कॉलेज की मस्ती
लिखना है वो प्यारी सी हँसी
लिखना है वो दीवानगी
लिखना है वो बारिश का पानी
क्या लिखूं क्या ना लिखू असमंजस में हूँ
पर लिखना है उसकी ऊंची उड़ान
गिर कर संभालना
बेफिक्र घूमना
लड़कों को देख कर शर्माना
दोस्तों से कुछ ना छुपाना
वो बचपना वो नादानी
जिसमें है कई कहानी
छोड़ आयी वो गालिया वो बचपना
दुआ है मिले तुझे खुशियाँ अपार
छू ले तू नया आकाश
कामयाबी चूमे तेरे कदम
खुशहाल रहे तू हर दम।