बेरोजगारी
बेरोजगारी


एक कमी उसे भी खल रही थी
दुखी वो भी था इस भीड़ में
देखे थे सपने उसने भी हज़ारों
पाना चाहता था वो भी ऊँचा मुकाम
यहाँ झूठे सपने दिखाकर कोई वोट ले गया
देश का बेरोजगार युवा ये देखता ही रह गया।
माता पिता सभी के साथ देखे थे सपने हज़ारो
कहाँ गए वो ऑफिस
कहा गया वो काम
मुझे भी बढ़ना है आगे
करना है देश के लिए कुछ काम
पर उससे पहले दे दो मुझे काम
नाप नाप के जीवन जी रहा हूँ
लोगो के ताने भरपूर झेल रहा हूँ
मैं भी चाहता हूँ
सर उठा कर जीना
करना चाहता हूँ काम
ये डिग्रियां दिखावे के लिए नही है
मेरे घर वालो ने संजोय है कई सपने
मैं भी काम करना चाहता हूँ
बेरोजगार से कमाऊं बनना चाहता हूं।