दिल की बात
दिल की बात
तेरे मासूम चेहरे पर कोई सवालिया निशान न हो,
कोई लाख करें साजिश, पर तू बदनाम न हो ।
सच्चे मुहब्बत पे शक तो सदियों से कर रहा है जमाना,
पर डर ये है की तू मेरे प्यार के कारण बदनाम न हो ।।
कुछ देर और ठहरूँ अपना लोगे न,
पहले जैसे अपने दिल में बसा लोगे न।
समझाना अपनी निगाहों को गर शिकायत करें मेरी,
फिर हम दोनों के एहसास को एक बंधन में बाँध दोगे न।।
मैं अपनी बात बतला दूँ क्या पर जानकारी सरेआम हो जायेगी,
सितमगर रुसवा तू अभी भरे बाजार हो जायेगी ।
ये तो मेरा दिल है जो मैं मजबूर हूँ
वरना इशारा करूँ तो दीवानी और हजार हो जायेगी।।
क्यों खामोश बैठे हो वार करोगे क्या ?
मेरे भरोसे को तार-तार करोगे क्या?
कल तलक जो रातों को नींद आ जाती थी।
मुझे तनहा छोड़कर मेरा जीना दुश्वार करोगे क्या?
ऐसा थोड़े होगा की हम आपसे प्यार नहीं करेंगे,
ये भी जरूरी नहीं कि आपसे इजहार करेंगे।
आपको गर मुहब्बत है तो आप कहो,
वरना हम बैठ कर आपका इंतज़ार थोड़े करेंगे।।
हँसने की अदा तो उनकी थी,
जिन्होंने मुझे दीवाना बना दिया I।
थोड़ा और मुस्कुराने को बोले उन्हें जो हम,
तो मुझे पागल बना दिया ।।
बेख़ौफ़ नजारों को देख कर यही दुआ माँगते हैं,
हुस्न परवान चढ़े आपका यही दुआ माँगते हैं।
कहीं कोई फासला न आये हम दोनों के बीच ,
इसलिये आपसे आपकी खैरियत की दुआ माँगते हैं।।
मुझे कब तक चाहोगी मैं ढलता हुआ शाम हूँ,
थोड़ी देर में हो जायेगी रात जहाँ मैं गुमनाम हूँ।
तू मेरे ठहरने की गुजारिश खुदा से न कर,
क्योंकि मैं रोज डूब जाने के लिए बदनाम हूँ।।
समुंदर की लहर पे तुम्हारा नाम लिख डालूँ,
इशारा तो करो दिल की धड़कन भी तुम्हारे नाम कर दूँ।
तुमको देखते हैं तो दिल को सुकून आ जाता है,
कसम से मौका दो तो अपनी दुनिया तुम्हारे नाम लिख डालूँ।।