Chetan Chakrbrti
Romance
बेवजह मुझे बदनाम करवाते हो,
बेवजह मुझ संग नाम जोड़ते हो।
तुम जानते हो कि मैं किसी
और का हो चुका हूँ,
फिर क्यूँ मेरा नाम अपने दिल पर लिखवाते हो।।
मेरें शब्द
दिल की बात
आज़ादी
कुछ मुक्तक
मेरा इल्म
प्रकृति
कल्पना होली
बेमतलब
वजह
अच्छा या बुरा
तुम्हारे नाम कर देंगे अपनी ये जिंदगी बस तुम ये कह दो तुम्हे मेरे सिवाय कुछ नहीं चाहिए तुम्हारे नाम कर देंगे अपनी ये जिंदगी बस तुम ये कह दो तुम्हे मेरे सिवाय कुछ नह...
इन कपोल - कल्पित ईच्छाओं का , कोई अंत नहीं यारों। इन कपोल - कल्पित ईच्छाओं का , कोई अंत नहीं यारों।
वो इश्क़ क्या, जिस इश्क़ की सजा नहीं हुई. वो इश्क़ क्या, जिस इश्क़ की सजा नहीं हुई.
पागल नहीं थे जो तेरी परवाह किया करते थे कुछ तो राब्ता था तुझसे। पागल नहीं थे जो तेरी परवाह किया करते थे कुछ तो राब्ता था तुझसे।
दिल का हाल सुने दिल वाला वो क्या जाने जिसने दिल को पत्थर बना डाला। दिल का हाल सुने दिल वाला वो क्या जाने जिसने दिल को पत्थर बना डाला।
बारिश की बूंदें खुश्कता को ढुंढे करने को तरबतर। बारिश की बूंदें खुश्कता को ढुंढे करने को तरबतर।
छोड़ देती हूँ तुम्हें उड़ने को ऊँचे आकाश में छोड़ देती हूँ तुम्हें उड़ने को ऊँचे आकाश में
इंतज़ार है तुम्हारे लौट आने का इंतज़ार है तुम्हारा एक दीदार पाने का इंतज़ार है तुम्हारे लौट आने का इंतज़ार है तुम्हारा एक दीदार पाने का
बेहतर अब न हो हमारा कोई, जिस तरह कल तक रही तुम, बेहतर अब न हो हमारा कोई, जिस तरह कल तक रही तुम,
तेरे इश्क़ की नमाज़ मैं हर रोज़ पढ़ता हूँ. तेरे इश्क़ की नमाज़ मैं हर रोज़ पढ़ता हूँ.
कि जिसके लिए जिया करते थे हम वही बेवफा हो गया। कि जिसके लिए जिया करते थे हम वही बेवफा हो गया।
जाने कितने साल ये दरख्त सुखा रहा बस कुछ गीली यादों का सहारा रहा. जाने कितने साल ये दरख्त सुखा रहा बस कुछ गीली यादों का सहारा रहा.
पर उसे इल्म था महज इश्क़ से सारी हसरतें नहीं निकलती। पर उसे इल्म था महज इश्क़ से सारी हसरतें नहीं निकलती।
तब मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता ! तब मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता !
छोटी खरोच भी लगे मुझे तो बड़ा बवाल खड़ा कर देते हो छोटी खरोच भी लगे मुझे तो बड़ा बवाल खड़ा कर देते हो
वो क्या दिन था क्या पल था घंटो बैठे देख रहा था! वो क्या दिन था क्या पल था घंटो बैठे देख रहा था!
तुमसे मिलने का इन्तज़ार, मिलते हीं बातें करने का मन, तुमसे मिलने का इन्तज़ार, मिलते हीं बातें करने का मन,
बंद आंखों से नहीं छू कर देखू तुम्हे! बंद आंखों से नहीं छू कर देखू तुम्हे!
आँखों में नमी थी जो, वजह तुम थे आँखों में नमी थी जो, वजह तुम थे
तुम किसी से कह दोगे, सह नहीं पाऊँगी। तुम किसी से कह दोगे, सह नहीं पाऊँगी।