परम आनंद
परम आनंद
नफ़रत की दुनिया छोड़कर मैं,
अब प्रेम की दुनिया में आया हूं,
पत्थर जैसे दिलवालों को मैं,
प्रेम में तरबतर करने आया हूं।
शोकभरे ईस माहोल में मैं,
खुशियां लहराने आया हूं,
अंधकारमय इस प्रेमनगर में,
प्रेमज्योत जलाने मैं आया हूं।
दुश्मनों को पिघलाकर मैं,
दोस्त बनाने आया हूं,
ज़ुल्म सितम को हटाकर मैं,
प्रेम सरिता बहाने आया हूं।
राधे श्याम की अमरप्रीत का मैं,
संदेशा सुनाने आया हूं,
"मुरली" तान में मग्न बनाकर मैं,
परम आनंद लुटाने आया हूं।