रहे प्रीत अक्षुण्ण हमारी टूटे न कभी ये सम्मोहन। रहे प्रीत अक्षुण्ण हमारी टूटे न कभी ये सम्मोहन।
लालटेन में थोड़ी ही सही मगर रोशनी है। लालटेन में थोड़ी ही सही मगर रोशनी है।
प्रेयसी बनी निशा अपने ही श्रंगार पर मुग्ध हो रहा हरसिंगार तिमिर की चादर पे बिखरें हैं प्रेयसी बनी निशा अपने ही श्रंगार पर मुग्ध हो रहा हरसिंगार तिमिर की चादर पे ...
सृजन मेरा धर्म है, ध्वंस उसका, हमारे टक्कर गर कांटे की न हो, तो मज़ा ही क्या? सृजन मेरा धर्म है, ध्वंस उसका, हमारे टक्कर गर कांटे की न हो, तो मज़ा ही क्...
उत्कंठा को दोनों, हाथों से कसकर थामो। उत्कंठा को दोनों, हाथों से कसकर थामो।
पथ तो इक बहाना हैं मुसाफिर के लिए लक्ष्य करीब है तो हौसला खुदबखुद आता है। पथ तो इक बहाना हैं मुसाफिर के लिए लक्ष्य करीब है तो हौसला खुदबखुद आता है।