एक नया दिन
एक नया दिन
एक नया दिन कुछ खबर लाता है
जो भी झोंका आता है ताज़ा हवा लाता है।
तड़पायेगी आखिर कब तलक तपन धूप की
बीत जाएगी उमस जब सावन घटा लाता है।
पतझड़ का ये समा कुछ पल का
टहनियों पर पेड़ हर पत्ता नया लाता हैं।
अब तप बढ़ रही है तिमिर की गुफाएं
कुछ रोशनी अब जुगनू नया लाता है।
पथ तो इक बहाना हैं मुसाफिर के लिए
लक्ष्य करीब है तो हौसला खुदबखुद आता है।
