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Uma Shukla

Romance

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Uma Shukla

Romance

मेरे हमसफ़र(सोलमेट)

मेरे हमसफ़र(सोलमेट)

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ये मेरी खुशकिस्मती है

कि तुम मेरे हमसफर हो 

तुम्हारी पगधूलि है मांग में सज्जित

तुम ही मेरे परमेश्वर हो।


तुम्हारे प्रेम तुम्हारी संवेदना से

सदा रही हूँ अभिभूत।

तुम्हारे विश्वास की

दौलत भी मिली अकूत।


पीड़ा के तप्त क्षणों में

तुम शीतल जलद बन छाए।

जब भी घिरा तिमिर से पथ

तुमने खुशयों के दीप जलाए।


हे ईश्वर से करबद्ध निवेदन

साथ रहो यूँ ही आजीवन।

रहे प्रीत अक्षुण्ण हमारी

टूटे न कभी ये सम्मोहन।


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