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Vivek Agarwal

Romance

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Vivek Agarwal

Romance

माँगे अगर तू जान भी इन्कार ना करूँ

माँगे अगर तू जान भी इन्कार ना करूँ

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माँगे अगर तू जान भी इन्कार ना करूँ।

मुमकिन नहीं मगर कि तुझे प्यार ना करूँ।


छिपता नहीं ये इश्क़ है कितना जतन करो,

जज़्बात दिल में हैं तो क्यूँ इज़हार ना करूँ।

 

तेरे बिना वजूद मेरा कुछ भी तो नहीं।

कैसे मैं जिंदगी की फिर दरकार ना करूँ।


मंजूर है मुझे ये जुदाई ख़ुदा कसम,

दिल से कभी भी दूर तुझे यार ना करूँ।


सच बात लिख रहा हूँ मेरा फ़र्ज़ है यही,

दिखता गलत मुझे तो ख़बरदार ना करूँ।


ले सीख गलतियों से वही आदमी सफल,

गलती जो एक बार की हर बार ना करूँ।


हफ़्ता गुज़र गया है मुझे अब तो चैन हो,

आराम मैं मजे से ये इतवार ना करूँ।


आसान रास्ते न किसी को मिले यहाँ,

बच्चों का इम्तिहान है तैयार ना करूँ। 


'अवि' ने जहर ग़मों का भी ख़ुश हो के पी लिया,

जीवन खुदा की देन है बेकार ना करूँ।


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