बाल मनोविज्ञान (बच्चे की फरियाद)
बाल मनोविज्ञान (बच्चे की फरियाद)
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दादी टी.वी.देख रही,
मम्मी काम मे व्यस्त है।
दादा पेपर पढ़ रहे,
पापा बाहर मस्त है।।
मैं अकेला सोच रहा हूँ
किसके संग मैं खेलूँ।
वही चुप कर देता मुझ को
जिससे भी मैं बोलूँ।।
सभी बड़े है सभी व्यस्त है
मेरे पास है फुरसत।
मेरी शायद नहीं किसी को,
यहाँ कोई जरूरत।।
मैं कोई भी काम करूँ तो,
सभी मुझे हैं टोके।
समझने का मौका दिए
बगैर ही मुझ को ठोके।।
न कोई भाई न कोई बहन है
किससे कहूँ मैं दिल की बात?
कौन है जो समझ सके,
मेरे ये कोमल जज़्बात।।
