बिन फेरे हम तेरे
बिन फेरे हम तेरे
माना नही लिए
अग्नि के गिर्द फेरे।
मगर अपनाए है
मैंने सुख-दुख सब तेरे।।
माना नहीं हुआ
हमारा गठबंधन ।
मगर प्रेमडोर से
बांधा है तुझसे मन।।
दिए नही है वचन
मगर फिर भी वचनबद्ध हूँ।
तुम्हारी हमसफ़र हमकदम
बनने को प्रतिबद्ध हूँ।।
मीरा सी हूँ समर्पित
द्रोपदी सी मीत हूँ।
भूला न पाओगे जो तुम
वो राधा सी प्रीत हूँ।।

