तेरी जुल्फें
तेरी जुल्फें
सवार लो अपने जुल्फों को
कहीं नजर न लगजायें,
जालिम ये दुनिआ हे,
कोई तुमसे फ़िदा न हो जाये।।
नाराज ना होना अगर कभी
हवा की साथ जुल्फें उड़ने लगे,
और अप्पके नूर सा चहरे पे
आके गिरने लगे।।
उसमे कुसूर नहीं उन जुल्फों की
जिसने चहरे पे आके गिरा हे,
उन जुल्फों ने ही तो अप्पको
आखीर कातिलाना बनाया है।।
तकलीफ तो होताहै तब
जब अप्पके गुस्ताक हातो ने
कान के आड़ में छुपा देतीहैं
उन जुल्फों को,
बयां न कर पाऊं उन अनचाहे पलों को,
खुदा से बस गुजारिश रखताहूं के
ना छीन हमसे इन सुकून भरे लम्हे को।।
चाहत तो होता हे दोस्ती करलूं उस हवा से
जिसने उन जुल्फों को
बिखर ने में मदद की है।
तो फिर उन हाथों का क्या जिसने
उन्हीं जुल्फों को अपने
निगाहों से दूर किया है ?