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Praveen Gola

Romance

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Praveen Gola

Romance

आज भी

आज भी

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इस ज़हन में बसता है, तुम्हारा नाम आज भी, तुम्हें नहीं पता कैसे, दिल संभाला आज भी।

कभी तन्हा रो लेते हैं, पुकार नाम तेरा आज भी, रातों को जगने की आदत, कहीं गई नहीं आज भी।

लिखते हैं तो अश्रु बहते, सोच के वो लम्हे आज भी, काश हम दोनों मिल पाते, ये तड़प सताती आज भी।

कोई गर तेरा नाम पुकारे, बहुत दर्द होता है आज भी, प्यार की भाषा पढ़ते - पढ़ते, और प्यार आता है आज भी।

लगता नहीं कुछ खो गया है, बस कह नहीं पाते आज भी, इस ज़हन में बसता है, तुम्हारा नाम आज भी।



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