सब कुछ बहता है
सब कुछ बहता है
तुम्हारे साथ मेरा ....सब कुछ बहता है,
आजकल मन मेरा, कहीं और ही रहता है।
जब आती हैं ये ठंडी रातें, याद आती हैं वो मीठी बातें,
ऐसा लगता है जैसे कोई तब, कानों में कुछ कहता है।
तुम्हारे साथ मेरा ....सब कुछ बहता है।
जब चलती है पवन सुहानी, लगे जवानी और मस्तानी,
यौवन के अंगों से तब, टप - टप पानी बहता है।
तुम्हारे साथ मेरा ....सब कुछ बहता है।
गर्मी में पसीना और सतावे, तेरी याद से पूरा तन भिगावे,
शीतल पानी की बूँदों से तब, ये और भी गर्मी सहता है।
तुम्हारे साथ मेरा ....सब कुछ बहता है।
तेरा साथ पाने को जी ललचावे, हरदम ये मन तेरी ओर भागे,
ऐसा लगता है मानो अब, मेरा कतरा - कतरा तुझ में रहता है।
तुम्हारे साथ मेरा ....सब कुछ बहता है।।

