STORYMIRROR

Annapurna Mishra

Romance

3  

Annapurna Mishra

Romance

कहीं मेरी याद न आ जाए

कहीं मेरी याद न आ जाए

1 min
200

तुम्हें बारिश मेरी याद दिलाती है?

चलो मैं भीगना छोड़ दूंगी

हवाओं की सरसराहट मेरी आहट देती है ?

चलो मैं अपना छनछन करता पायल खोल दूंगी

कहीं कोई मीठी धुन कानों में मेरी गूंज सुनाती है?

चलो फिर मैं गुनगुनाना छोड़ दूंगी

कभी कोई निश्छल खेलते बच्चे मेरी याद तो नहीं दिलाते?

ठीक है तो मै अपनी चंचलता और बचपना छोड़ दूंगी

कहीं सागर की गहराई में मेरी आंखें तो नजर नहीं आती?

चलो मैं अपनी आंखें मूंद लूंगी..

पर पता है मैं ऐसा क्यूं करुंगी ?

क्यूंकि तुम्हें मेरी याद न आए... "



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance