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Annapurna Mishra

Tragedy

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Annapurna Mishra

Tragedy

चलो अब फिर शुरु से शुरुआत करूं मैं

चलो अब फिर शुरु से शुरुआत करूं मैं

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मैं हार रहा हूं मैं थक रहा हूं

अब कोइ विश्वास नहीं करता।

मैं हर आस खो रहा हूं।

मैं आज टूट के रो रहा हूं।

अब वक्त बीतता जा रहा 

मैं मजबूती से खड़ा नहींं हो पा रहा।

जिस आस्था की हमेशा दम भरता रहा

इस एक भयावह क्षण में 

वो ईश्वर भी मुझसे दूर जा रहा।

मैं विस्वासघाती हूं मैं असमर्थ हूं

इसलिए अब मैं अकेला हूं। 

इतने प्रेम, आशीर्वाद और दिव्यता से घिरा रहा मैं।

आज खुद को ही अपने पास ढूंढ रहा हूं।

अब किस प्रयास की बात करूं मैं

अब किस उंचाई की राह तकूं मैं। 

चलो अब फिर शुरु से शुरुआत करूं मैं।


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