तेजाबी
तेजाबी
तेजाबी नहीं कभी सुर्ख़ गुलाबी था
उसके चेहरे का रंग!
हैरत हुई जब कल एक किसी ने
उसे तेजाबी नाम से पुकारा!
तेजाबी उसका रंग नहीं,
न ही तेजाबी काया थी
तेजाबी तो किसी की सोच थी!
एक पूरी परवरिश थी!
जो लिए खंज़र घूमता है!
सपनों की छाती को लहू लुहान करने को!
तेजाबी नाम पड़ा है आज बहन का मेरी
कल वो किसी और कि बेटी होगी!
आज मेरे लाडले का चरित्र तेजाबी हुआ है,
कल किसी और नस्ल की होगी !
ये तेजाब जिसे तुम बदला कहते हो
तेजाब नहीं एक किस्म की नपुंसकता है!
लाइलाज है इसीलिए चूड़ियाँ पहन लो!
और बक्श दो खूबसूरत सपनों को
जिंदा रहने दो जीने के अरमानों को!
विवश न करो उसे चेहरा छुपाने को
बल्कि छू लेने दो आसमानों को!!
