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VIKAS KUMAR MISHRA

Inspirational

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VIKAS KUMAR MISHRA

Inspirational

सौतेली हिंदी

सौतेली हिंदी

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एक किसी ने हिंदी की तारीफ की

दूसरे उसके विरोध में आ गये।

वाह गुरु तुमने क्या बात कही

तुम तो छा गये, छा गये !


कान लगा के सुना जब

जो भी तुम बतिया गये

हिंदी को गाली देते तुम

अंग्रेजी में घिघिया गये !


नही हिंदी से प्यार न सही

अंग्रेजी कौन तुम्हारा पूत है

बना के अंग्रेजी को महलों की रानी

हिंदी रखी तुमने अछूत है !


तख्तियां तुमने सजा ली

हिंदी का चीर हरने को !

कितनी अच्छा होता गर ये कहते

हैं हम तैयार इस गर्व को

अंगीकार करने को !


हैं तैयार हम इसके शब्दों,

लेखनी को अजर अमर करने को !


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