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Sonam Kewat

Tragedy

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Sonam Kewat

Tragedy

तेजाब फेंका गया है

तेजाब फेंका गया है

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सरकार ने मना किया है फिर भी,

ये तेजाब बाजारों में बेचा गया है।

जहां जरूरत नहीं थी वहीं पर,

इस तेजाब को फेंका गया है।


क्या उसका आगे बढ़ना जरूरी है,

क्या हद से ज्यादा पढ़ना जरूरी है ?

शादी के बाद आखिर दूसरे घर जाएगी,

घर में चूल्हा चौका के ही काम आएगी।

इतने के बाद अगर वह बढ़ रही है तो,

उसकी कुशलता को दबाने के लिए,

तेजाब फेंका गया है।


अगर वो औरत है तो कमजोर है,

मर्द जैसा बाजुओं में कहां जोर है।

आगे बढ़ भी रही है तो दबाना है,

आखिर औरत जात है यही बताना है।

फिर भी मर्द की बराबरी कर रही है,

तो खुद को मर्दाना जताने के लिए,

तेजाब फेंका गया है।


सुंदर है तो दिल उसपर ही आएगा,

भला हर कोई प्यार क्यों जताएगा।

प्यार के नाम पर हवस छाया है,

मनचला भी अब मन भरने आया है।

स्वीकार ना करें तो सुंदरता का घमंड है,

यही आजकल के नौजवानों का रंग है।

कभी उसकी औकात दिखाने के लिए,

तेजाब फेंका गया है।


बस !

कभी उसके कुशलता को दबाने के लिए,

कभी खुद को मर्दाना जताने के लिए,

कभी उसकी औकात दिखाने के लिए,

कभी उसे मर्यादा में लाने के लिए,

हाँ, तेजाब फेंका गया है।


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